कदम कदम इक्कीसवे साल मे बढ़ते हुए.......

साला कभी कभी ऐसा लगता हैं की ये उमर क्यू बढती हैं?🤔 इस उमर को क्या दूसरा कोई काम नही है, की जो कंबख्त मेरे साथ हर सैकेंड चल रही है।🧐 और ना की बस मेरे साथ चल रही है बल्की मुझे नई नई जिम्मेदारियों से पहचान करवा रही हैं।🙃 कदम कदम पर ऐहसास दिला रही हैं की तेरा आज तेरे पिछले कल से बहुत अलग और नया हैं और इसलिए तुझे कल से अलग और बेहतर बनना हैं। इसमें मजे की बात तो यह है कि जो आने वाला कल मैंने देखा ही नहीं उसकी चिंता मुझसे आज करवा रही हैं।"कभी कभी मेरे दिल में खयाल आता है कि"😌 ये वक्त ठहर जाए और मैं ओ हर चीज कर सकू जो मैं इस दुनिया से छुपा कर करना चाहता हूं। ☺️

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